नेपाल में भारत विरोधी माहौल से खुश नहीं नेपाली कांग्रेस, ओली सरकार के लिए कही ये बात 

नेपाल में भारत विरोधी माहौल से खुश नहीं नेपाली कांग्रेस, ओली सरकार के लिए कही ये बात 

टनकपुर (चंपावत)
बोले नया नक्शा जारी करने में ओली सरकार ने की जल्दबाजी
पर कालापानी विवाद पर नेपाल सरकार के दावे के साथ हैं खड़े

नेपाल में केपी ओली सरकार के भारत विरोधी महौल बनाने की कोशिश से नेपाली कांग्रेस के लोग खुश नहीं हैं। लेकिन कालापानी विवाद पर नेपाल सरकार के साथ खड़े हैं। नेपाली कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि विवाद का कूटनीतिक वार्ता के जरिये समाधान निकाला जाना चाहिए।

ओली सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए नक्शा जारी करने में जल्दबाजी दिखाई है। नेपाल के साथ भारत के संबंधों में आ रही दरार को लेकर पूछे गए सवाल पर नेपाल कांग्रेस के एक सांसद, एक पूर्व सांसद और कंचनपुर उद्योग वाणिज्य संघ के मौजूदा चेयरमैन ने भारत के साथ संवाद पर जोर दिया।
नेपाली कांग्रेस के पूर्व सांसद और नेपाल संविधान सभा के सदस्य रहे बहादुर थापा ने कहा कि भारत-नेपाल के बीच सदियों से मैत्री संबंध कायम है। दोनों देशों में पौराणिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और रोटी-बेटी के सौहार्दपूर्ण रिश्ते हैं और आगे भी रहेंगे। नेपाल में प्रजातंत्र की स्थापना में भारत का प्रत्यक्ष रूप से अहम योगदान रहा है।
सीमा विवाद के कारण भारत से संबंध नहीं बिगाड़े जा सकते हैं। कालापानी ही नहीं अन्य स्थानों पर भी सीमा विवाद है, जिसे सुलझाने के लिए कूटनीतिक वार्ता और दोनों देशों की ओर से सर्वे का काम भी चल रहा था।

इतिहास और साक्ष्यों के आधार पर सीमा विवाद का हल निकाला जाता, लेकिन ओली की कम्युनिस्ट सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए नया नक्शा जारी करने में जल्दबाजी कर दी। उन्होंने दो टूक कहा कि ओली सरकार का चीन के साथ लगाव बढ़ा है और चीन के साथ मिलकर ओली सरकार नेपाल में भी बदलाव करना चाह रही है, जिसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। थापा ने कहा कि नेपाली कांग्रेस के सत्ता में स्थापित होने के बाद भारत के साथ मैत्री संबंध और मधुर होंगे।

कालापानी मामले में देश के दावे के साथ है नेपाली कांग्रेस: सांसद लेखक
नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद व पूर्व मंत्री रमेश लेखक का कहना है कि नेपाल और भारत में मैत्री और रोटी-बेटी के संबंध है, लेकिन कालापानी विवाद में वे अपनी सरकार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि विवाद का कूटनीतिक वार्ता से समाधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने भी विवादित भू-भाग पर भारत के दावे पर आपत्ति जताई थी। विवाद के समाधान तक भारत को विवादित भू-भाग से अपनी सेना वापस बुलानी चाहिए।

संबंधों की मजबूती के लिए जल्द हो सीमा विवाद का समाधान: मल्ल
नेपाल के कंचनपुर जिले के उद्योग वाणिज्य संघ के मौजूदा चेयरमैन जंग बहादुर मल्ल का कहना है कि सीमा विवाद को दोनों देशों ने संयुक्त सर्वे और अधिकारिक स्तर की वार्ता के माध्यम से जल्द सुलझाना चाहिए। कई स्थानों पर सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों पर विपरीत असर पड़ रहा है। उनका कहना है कि भारत-नेपाल के सदियों से मजबूत मैत्री रिश्ते हैं और सीमा विवाद के समाधान से संबंध और मजबूत होंगे।

 

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